I
observe her. She is real. She becomes thought. Thought makes me finite, a body
in time, leads to death. People say, she is world. I imagine you. You create
other world. A wonderworld, leads to timeless home, eternal, knows no decay and
death. From its window, made by sky, her world appears unreal, no, is really
unreal, a grand shadow of my lovely nest.
(from
'The Songs Of A Faqir')
Gautam Chatterjee
कला, विज्ञान और दर्शन के विश्ववांग्मय में
अपना विशिष्ट स्थान बना चुके गौतम चटर्जी उस अर्थ में कवि हैं जिन्हें वैदिक अर्थ और
समय में ऋषि कहा गया है। प्राक् आदिम प्रवृत्तियों से उपर उठने का सामथ्र्य विकसित
कर सुसंस्कृत होने का गौरव उनके कवि व्यक्तित्व और काव्यमनीषा का शिल्पवैशिष्ट्य है।
काशी में 1963 में जन्में गौतम के लिए मनुष्य होना ही कवि होना है। इस परिचय
के साथ ही उन्होंने रचनासक्रिय जीवन का एक आलोकवर्षी समय जिया है। कलाविद् और शिक्षक, रंगकर्मी और फिल्मकार होने का रूप उनके
ऋषिमानस का वृहत्तर विस्तार है। संगीत विमर्श, अधूरे राग, दशरूपक, अभिनयशास्त्र, ह्वाइट शैडो ऑफ़ कांशसनेस, आगम इन ड्रामाटिक्स और म्युजिकोलाॅजी, अभिनवगुप्त के ‘तन्त्रालोक’ और ‘तन्त्रसार’ का संस्कृत से अंग्रेजी में और गोपीनाथ
कविराज के ‘ज्ञानगंज’ का बांग्ला से अंग्रेजी अनुवाद कुछ
प्रकाशित उदाहरण है। पेंगुइन से प्रकाशित उनकी पुस्तक ‘शिखर से संवाद’ शीर्षस्थ शिल्पियों जैसे सत्यजित रे, उत्पल दत्त, बी वी कारन्थ, कावालम नारायण पणिक्कर, केलूचरण मोहापात्र, विलायत खां, बादल सरकार, हजारीप्रसाद द्विवेदी, जयदेव सिंह, जगदीश स्वामीनाथन, अली अकबर खां, सितारा देवी, निर्मल वर्मा आदि से गहन चिन्तनदृष्टि
का विस्तृत आकाश है। पिछले तीन दशकों में इनके अलावा शैव दर्शन और नाट्यशास्त्र पर
वृहत काम, रंगकर्म
और फिल्म रचना एक नियमित सक्रियता रही है। इसी अवदान के कारण उन्हें कलावन्त होने के
विशिष्ट सम्मान ‘नादवाचस्पति
अवार्ड’ से सम्मानित
किया गया है। आत्मिक जीवन के प्रकाश में अज्ञात आनन्द का उद्घाटन उनकी कविताओं का प्रथम
ओस है जो उदास मन को गीतात्मक ढ़ंग से आश्वस्त करता है।