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Quick Overview इस संग्रह में कैंसर पीड़ितों के मनोबल को सकारात्मक दिशा देने वाली कविताएँ भी हैं। कवयित्री का चिन्तन बिल्कुल हटकर या यूँ कहें उतावलापन लिए हुए हैं, कहीं परिपक्वता की झलक मिलती है तो कहीं बिल्कुल बचकानापन। पर इन सभी बातों के बावजूद काव्य रसिकों को ‘अस्तित्व’ पढ़ने मे निःसंदेह आनन्द मिलेगा।

ISBN: 978-819-34302-6-2

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Maneesha Shukla

डाॅ0 मनीषा शुक्ला अन्तर्राष्ट्रीय शोध पत्रिका आन्वीक्षिकी एवं सार्क की प्रधान सम्पादिका हैं। आप काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की पूर्व शोधछात्रा भी रहीं हैं।
वर्ष 2004 से अब तक आपने महिला अध्ययन एवं विकास केन्द्र, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय , वाराणसी के फेलो के रूप में (यू0जी0सी0 की) भारतीय ज्ञान परम्परा में  नारी की विभिन्न भूमिकाओं एवं नारीवाद के मौलिक तत्वों की पुनर्समीक्षा पर     चार परियोजनाओं के साथ ही छः पुस्तकों का लेखन एवं सम्पादन कार्य किया।
आपका अध्ययन विशेषतः वेद, वेदांग, साहित्य को लेकर इतिहास में हुए मतभेदों के कारण की सही व्याख्या करने को लेकर रहा है।
आप वर्तमान में डॉ मनोज पाण्डेय सर एवं ‘नारायण मृत्युंजय फांउडेशन’ से जुड़कर कैंसर मरीजों की सहायता कर रही हैं।

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