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ISBN: 978-81-931624-6-0

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Binding: Paperback
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सच ही तो है, बहुत पहले भवभूति ने भी उल्लिखित कर दिया था -काव्य करूणा जनित ही होते हैं, आह से ही उपजते हैं अनजानी कवितायें भाव से रची जाती हैं, निर्झरिणी भी अपने अन्दर व्यथा कथा को समेटे एक अद्भुत काव्य संग्रह है। ये कवितायें कवयित्री के एकान्त के क्षणों में अनुभूत सुख-दुख की सच्ची गवाही देती हैं, कि वे कितनी संवेदनशील हैं धरती, प्रकृति, मिट्टी, पानी, वृक्ष, चिड़िया, नदी, रीति, संस्कार, जिम्मेदारी, आदर्श, प्रेम एवं सत्य के प्रति।

Anjani

प्रेम और प्रकृति को ही ईश्वर का साक्षात् रूप मानने वाली अंजनी का जन्म २० फरवरी १९६९ को उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में हुआ। इतिहास और अर्थशास्त्र में परास्नातक के साथ ही इन्होंने अर्थशास्त्र में एम् फिल की डिग्री भी प्राप्त की। 
आपका विवाह कानपुर के ही एक प्रतिष्ठित परिवार में हुआ। ज्योतिष और आध्यात्म में भी रूचि रखने वाली अंजनी कानपुर में ही शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं। बच्चों के और बुजुर्गो की अच्छी दोस्त व् अपने विद्यार्थियों में मध्य लोकप्रिय अंजनी २००८ में ”भारतीय विकास परिषद्“ द्वारा बेस्ट टीचर अवार्ड द्वारा भी सम्मानित की गयी हैं।

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